
देश-विदेश में प्रसिद्ध भगवान नागचंद्रेश्वर के पट आज रात 12 बजे खोले जाएंगे। वर्ष में केवल एक ही बार नाग पंचमी के दिन मंदिर के कपाट 24 घण्टे के लिए खोले जाते हैं। लेकिन पिछले साल की तरह ही इस साल भी कोरोना की गाइडलाइन के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
परम्परा अनुसार पट खोलकर महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी, विधि-विधान से भगवन नागचंद्रेश्वर की पूजा करेंगे। महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि श्रद्धालु महाकाल मंदिर की अधिकृत वेबसाइट और ऐप पर ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे। साथ ही महाकाल के दर्शन नियमानुसार प्री-बुकिंग के आधार पर ही होंगे।
11वीं शताब्दी का है मन्दिर
नागपंचमी पर्व को भगवान नागचंद्रेश्वर के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।11वीं शताब्दी के परमारकालीन महाकाल मंदिर के शिखर पर भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर स्थित है। मंदिर में शेषनाग पर विराजित भगवान शिव और माता पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा है। साल में केवल एक ही बार खुलने वाले इस मंदिर के दर्शन के लिए हर साल करीब 2 से 3 लाख श्रद्धालु आते थे। लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार भी श्रद्धालुओं को ऑनलाइन ही भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने पड़ेंगे। मान्यता है कि भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन मात्र से ही कालसर्प दोष का भी निवारण हो जाता है।