सुरक्षा व नवीनतम तकनीक के साथ ब्लास्टिंग प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है एनसीएल: प्रभात कुमार सिन्हा
सिंंगरौली, मध्यप्रदेश। सीईटीआई स्थित नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के एमडीआई भवन में रविवार को ब्लास्टिंग पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान ब्लास्टिंग प्रक्रिया को और भी बेहतर करने पर चर्चा की गयी।
सेमिनार के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि सीएमडी एनसीएल प्रभात कुमार सिन्हा ने कोयला उत्पादन की प्रक्रिया में सुरक्षित ब्लास्टिंग के महत्व पर विस्तृत वक्तव्य दिया। श्री सिन्हा ने कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य खनन कार्यों में लगे हुए कर्मियों में ब्लास्टिंग के बारे में जानकारी बढ़ाना, विस्फोटकों की गुणवत्ता की जानकारी को बढ़ाकर, ब्लास्टिंग प्रक्रिया में क्रमिक सुधार सुनिश्चित करना है। श्री सिन्हा ने कहा-सही ब्लास्टिंग होने से मशीनों का प्रदर्शन तथा सुरक्षित खनन दोनों को ही बढ़ावा मिलता है तथा विस्फोटकों के उचित उपयोग से कोयला उत्पादन में लगने वाली लागत में भी कमी आती है।
इनकी रही उपस्थिति
सेमिनार के उद्घाटन के अवसर पर एनसीएल के निदेशक(तकनीकी/संचालन) डॉ अनिंद्य सिन्हा, निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना ) एसएस सिन्हा तथा एकेएस विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के डीन डॉ जी के प्रधान बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। साथ ही एनसीएल कोयला क्षेत्रों के महाप्रबंधक, मुख्यालय के विभागाध्यक्ष, ब्लास्टिंग से संबंधित कर्मी तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
इस दौरान एनसीएल के निदेशक (तकनीकी/ संचालन) डॉ अनिंद्य सिन्हा ने कहा कि आज देश के कुल ऊर्जा उत्पादन में कोयला सबसे महत्वपूर्ण श्रोत है और आने वाले कई वर्षों तक यह सबसे महत्वपूर्ण घटक बना रहेगा। डॉ सिन्हा ने ब्लास्टिंग की गुणवत्ता, विस्फोटकों की गुणवत्ता व उपयोग तथा सुरक्षित ब्लास्टिंग पर अपना वक्तव्य दिया।
इस अवसर पर एनसीएल के निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवम योजना) एस एस सिन्हा ने कहा कि प्रभावी ढंग से की गई ब्लास्टिंग से खदानों में कर्मियों व मशीनों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। श्री सिन्हा ने ब्लास्टिंग में नई तकनीकों को समाहित कर खनन प्रक्रिया को बेहतर बनाने पर जोर दिया।
डॉ जी के प्रधान ने समय के साथ विस्फोटकों के विकास और ब्लास्टिंग तकनीकों में सुधार पर प्रकाश डालते हुए अपना व्याख्यान दिया।
सेमिनार के दौरान एनसीएल में ब्लास्टिंग से सम्बंधित कर्मियों व विस्फोटकों के आपूर्तिकर्ताओं ने सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं पर चर्चा की। इससे एक परियोजना की श्रेष्ठ प्रथाओं को दूसरी परियोजनाओं द्वारा अपनाया जा सकेगा और विस्फोटकों के समग्र प्रदर्शन में सुधार सुनिश्चहित हो सकेगा। संगोष्ठी के दौरान आपूर्तिकर्ताओं ने भी ब्लास्टिंग संबंधी बेहतर प्रथाओं और इसमें आने वाली कठिनाइयों को साझा किया।
प्रभावी ब्लास्टिंग पर प्रस्तुत किए गए शोधपत्र
संगोष्ठी के दौरान एनसीएल की विभिन्न परियोजनाओं में ब्लास्टिंग का कार्य कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों ने ब्लास्टिंग प्रक्रिया व प्रदर्शन में सुधार हेतु खदान में अपनाई जा रहे नवाचारी तौर तरीक़ों व प्रभावी तकनीकों को सभी के साथ साझा किया। कार्यक्रम के दौरान कुल 12 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

सेमिनार के उद्घाटन के दौरान ही भारतीय खनन एवं अभियांत्रिकी जरनल (द इंडियन माइनिंंग एंंड इंंजीनियरिंग जर्नल) तथा डॉ जी के प्रधान द्वारा लिखी गयी पुस्तक “एक्स्प्लोसिव्ज़ एंड ब्लास्टिंग टेक्नीक्स” का विमोचन किया गया।
गौरतलब है कि ब्लास्टिंग खनन प्रक्रिया में एक प्रमुख गतिविधि है जिसका उत्पादन, लागत, पर्यावरण और भारी मशीनों के प्रदर्शन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसलिए ब्लास्टिंग की श्रेष्ठ प्रक्रिया और विस्फोटकों का सही और गुणवत्तापूर्ण उपयोग बेहद आवश्यक है।
एनसीएल के महाप्रबंधक(उत्पादन) सैयद गोरी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और महाप्रबंधक(एचआरडी) दिनेश मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।