सीधी

सरकारी अस्पताल को खत्म कर गरीब और आमजन के जीवन से खिलवाड़ कर रही भाजपा सरकार-उमेश तिवारी। 

जिला अस्पताल बचावा, जिउ बचावा संघर्ष मोर्चा” द्वारा आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने अस्पताल बचावा जिउ बचाव सत्याग्रह! का आयोजन किया गया। सत्याग्रह में क्षेत्रीय ग्रामीणो की भारी उपस्थिति रही। ग्रामीणों की उपस्थिति यह बताती है कि सरकार द्वारा जिला अस्पताल को निजी हाथों में दिए जाने के फैसले से लोगों में आक्रोश है।

अस्पताल बचावा जिउ बचाव सत्याग्रह! में आए ग्रामीणों के समक्ष अपनी बात रखते हुए टोंको-रोंको-ठोंको क्रन्तिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि प्रदेश के दस जिला अस्पतालों को निजी हाथों को सौंप कर प्रदेश की डॉ मोहन यादव की भाजपा सरकार गरीबों और आमजन के लिए बचे खुचे सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी छीन कर प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे  को माफियाओं के हवाले कर देना चाहती है। जिससे न केवल स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी होंगी बल्कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। निजी निवेशक इसे जन स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए नहीं बल्कि मुनाफे के लिए चलाएंगे। 

उमेश तिवारी ने कहा है कि इससे दो नुकसान तो साफ है पहला तो केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाएं,  जैसे राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, रोग नियंत्रण कार्यक्रम, कुष्ठ उन्मूलन, पीएम मातृत्व अभियान और नेशनल हेल्थ प्रोग्राम का संचालन बंद हो जाएगा। दूसरा भले ही आयुष्मान धारकों के इलाज का प्रावधान इन अस्पतालों में होगा, लेकिन आमजन को इन जिला अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाएं बाजार भाव से ही लेने पर मजबूर होना पड़ेगा।

धरने में अपनी बात रखते हुए इंदौर से आये जन स्वास्थ्य अभियान के साथी अमूल निधि ने कहा कि अस्पताल के निजीकरण होने से आम नागरिकों की स्वास्थ्य सेवा महंगी होगी। निजीकरण से अस्पताल के डॉक्टर कर्मचारी भी प्रभावित होंगे। सरकार अभी 10 पिछड़े जिलों के जिला अस्पताल को निजी हाथों में देने का प्रयोग कर रही है विरोध न होने पर प्रदेश की सभी सरकारी अस्पतालों को ठेके में दे दिया जाएगा। धरने का संचालन हनुमान साहू नें किया। धरने को इनने भी सम्बोधित किया – लालमणि त्रिपाठी जिला पंचायत सदस्य रीवा, प्रभात वर्मा, विष्णु बहादुर सिंह बघेल, गुरु प्रसाद कोल, आर एम पी मिश्रा, उर्मिला रावत, मनोज कोल, विवेक कोल विकास नारायण तिवारी, देवेंद्र सिंह चौहान, करुणा मिश्रा, अरुण मिश्रा, जितेंद्र कुशवाहा, दिनेश सिंह चौहान आदि।

धरने के बाद 10 सूत्री ज्ञापन पत्र राज्यपाल महोदय के नाम तहसीलदार निवेदिता त्रिपाठी को सौंपा गया। ज्ञापन पत्र की बिंदुवार मांगे निम्नानुसार रही-

1. जिला अस्पताल सीधी के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। 

2. सेमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ अपना निवास सीधी में बनाये है जबकी आवास उपलब्ध है, जिसके चलते मरीजों को परेशानी होती है तथा कर्मचारी मनमानी करते हैं। बीएमओ को सेमरिया अस्पताल में रहना सुनिश्चित किया जाए।

3. सेमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्स -रे मशीन उपलब्ध है ऑपरेटर भी है लेकिन बीएमओ की लापरवाही से कई वर्षों से आज दिनांक तक मरीज को एक्स-रे सुविधा नहीं मिल पा रही है तत्काल सुविधा सुनिश्चित की जाए। 

4. सेमरिया सामुदायिक स्वस्थ केंद्र में रिक्त चिकित्स्कों के पद एवं महिला चिकित्साक कि पदस्थापना कि जाए।

5. सेमरिया सामुदायिक स्वस्थ केंद्र में रात में डाक्टर नहीं रहते, रात्रि कालीन डाक्टर कि ड्यूटी सुनिश्चित कि जाए।

6.  सेमरिया सामुदायिक स्वस्थ केंद्र में मरीजों को दवा एवं अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती है साथ ही मरीजों के साथ अभद्रता कि जाती है इस पर सुधार किया जाए।

7.  सेमरिया में कई मेडिकल स्स्टोर पर डॉक्टर के पर्ची के बिना कोरेक्स, नोरेक्स तथा नशे की कई तरह की गोलियां बिक्री की जाती है उस पर रोक लगाई जाए।

8.  सेमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत संचालित अवैध क्लिनिक, बंगाली डाक्टर कि एवं अवैध मेडिकल स्टोर की जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाए।

9. सेमरिया सामुदायिक स्वस्थ केंद्र में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र देने का कार्यालय हफ्तों नहीं खुलता है जिससे हितग्राही भटकते रहते हैं समय पर कार्यालय खुलना सुनिश्चित किया जाए।

10. सेमरिया क्षेत्र में नकली एवं मिलावटी खाद्य पदार्थ कि विक्री की जाती है जांच कर नकली खाद्य पदार्थों कि विक्री पर रोक लगाई जाए।

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