जनपद पंचायत सिहावल लाखों रुपए की लागत से बना बोल्डर चेक डैम शुरुआती दो बूंद की बारिश में हुआ मिट्टी पलीद
सीधी-जिला के सिहावल जनपद में जिला के जिम्मेदार अधिकारी का कद भी बौना साबित हो रहा है जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और उनके कारनामे सिहावल का नाम प्रदेश में सुर्ख़ियों में ला रहे हैं जनपद सिहावल से महाज 2 किलोमीटर की दूरी में ग्राम पंचायत गेरुआ के सरपंच सरपंच इमरान खान सचिव रामकरण पटेल एवं उपयंत्री अमरपाल अगरिया ने मिट्टी का बोल्डर चेक डैम बनाया जोकि पूर्णरूपेण वहां पर पाए गए पत्थरों से ही बनाया जाता है लेकिन जनपद सिहावल की गेरुआ ग्राम पंचायत में मिट्टी के ऊपर पत्थर चिपका दिए गए और फर्जी राशि का आहरण ग्राम पंचायत द्वारा कर लिया गया किसी भी मनरेगा योजना के कार्य की शुरुआत में सूचना पटल लगाया जाता है पर सिहावल जनपद के लिए या नियम सिर्फ कागज तक ही राशी निकालने हेतू हो गया है जिससे किसी ग्रामवासी को कार्य के लागत की सही जानकारी न लगे और जायदा से जायदा राशि कम खर्चें में निकाल ली जाए। बिना स्थल परीक्षण के तकनीकी स्वीकृत देना और निर्माण कार्य में गुणवत्ता सही ना होना जिला के तकनीकी अमला पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है पूरे प्रदेश में इकलौता सिहावल जनपदीय है जहां मुख्य कार्यपालन अधिकारी भ्रष्टाचार निवारण कानून में दोषी पाए जाते हैं और बिना जिला में कार्यवाही किए हुए 90 दिन जेल में रहने के बाद पुनः मलाईदार कुर्सी भ्रष्टाचार के लिए सौंप दी जाती है इनके कारनामे कहीं मृतक से 5000 रुपये लेना तो कहीं कर्मकार कार्ड के नाम पर 5000 रुपये लेना जनपद सिहावल के प्रत्येक ग्राम पंचायत में चर्चा का विषय बना है। कुछ ग्राम पंचायतों में मनरेगा आईडी पासवर्ड जिसके लिए शासन द्वारा रोजगार सहायक को अधिकृत किया गया है लेकिन जनपद सिहावल में मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्राम पंचायतों में सचिव को 10000 रुपये महीने में किराया से दे रखे हैं जैसे कि ग्राम पंचायत तारका, सेमरी, दुआरकला, लौआ, नक्झरखुर,कुंझुंकला में। इनके कारनामों की जानकारी जिला कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ को भी है पर राजनैतिक संरक्षण के कारण बौने साबित हो रहे हैं। अब तो जनपद के कर्मचारी अपने अधिकार के लिए क्षेत्रीय विधायक सिहावल, सांसद के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी भी नहीं सुनवाई जनपद सीईओ नही सुन रहे हैं जिससे जिला सीईओ को पत्र लिखा जा रहा है।