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दुष्‍कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा,

बताया गया कि दिनांक 29.04.2020 को अभियोक्त्री की चाची ने थाना बहरी में उपस्थित
होकर इस आशय की मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 28.04.2020 को रात्रि करीबन 10:00
बजे वह एवं परिवार के सभी लोग खाना-पीना खाकर सो गए, करीबन 11:00 बजे रात उसकी
नींद खुली तो देखा कि उसके जेठ की लड़की अभियोक्त्री उम्र करीबन 13 वर्ष 11 माह की बिस्तर
पर नही थी, दरवाजा खुला था, आसपास देखी नहीं मिली, तब घर के लोगों को जगाई, सभी लोग
अभियोक्त्री की पता तलाश गॉव, नाते-रिश्तेदारी में किये, किन्तु कोई पता नहीं चला तब
अभियोक्त्री की चाची ने अभियोक्त्री को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के संबंध में रिपोर्ट
लिखायी। उक्त मौखिक सूचना के आधार पर थाना बहरी में गुमशुदा व्यक्ति का पंजीयन कर अज्ञात
के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध क्रमांक 124/2020, धारा 363 भा.दं.वि. पंजीबद्ध कर
प्रकरण विवेचना में लिया गया। दौरान विवेचना दिनांक 30.04.2020 को अभियोक्‍त्री को
दस्‍तयाब कर परिजन को सौंपा गया। तब पता चला कि अभियुक्‍त आदित्य प्रकाश नवैत उर्फ केवट
तनय दुरहपति केवट उम्र-32 वर्ष, निवासी रामडीह, थाना बहरी, हाल पता -अतिथि शिक्षक
शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खेतौही, थाना बहरी, जिला-सीधी (म0प्र0) अभियोक्‍त्री को
फोन करके चुपके से उसे घर से बाहर बुलाया और बगीचे की तरफ ले जाकर आम के पेड के नीचे
उससे कई बार बलात्‍कार किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस द्वारा
धारा 363, 366ए, 376(2)(द), 376(3), 376(2)(च) एवं 5(स)/6, 5(द) के अन्तर्गत अभियोग
पत्र तैयार कर माननीय विशेष न्‍यायालय सीधी के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया, जहां विचारण
उपरांत माननीय विशेष न्‍यायाधीश पॉक्‍सो एक्‍ट की न्‍यायालय द्वारा अभियुक्‍त आदित्य प्रकाश
नवैत उर्फ केवट तनय दुरहपति केवट उम्र-32 वर्ष, को धारा 5(l)/6 पॉक्‍सो एक्‍ट के अपराध में
दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास एवं 20,000/-रू. अर्थदण्‍ड की सजा से दण्डित किया
गया। प्रकरण में शासन की ओर से शसक्‍त पैरवी श्रीमती भारती शर्मा, जिला लोक अभियोजन
अधिकारी सीधी एवं श्रीमती श्रद्धा सिंह, अपर लोक अभियोजक, जिला न्‍यायालय सीधी द्वारा की
गई। अर्थदण्ड की धनराशि रूपये 20,000/(बीस हजार रूपये मात्र) अभियोक्त्री को धारा
357(1)(ठ) द.प्र.स. के प्रावधानों के अनुसार अपील अवधि पश्चात अपील न होने की स्थिति में
अभियोक्त्री को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान किये जाने का भी आदेश पारित किया गया।

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