परियोजनाओं से आदिवासियों के उजड़ते आशियाने, लुटती जीविका, मिटती जिंदगी- उमेश तिवारी
सीधी-पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रभावित किसानों एवं आमजन की समस्याओं को लेकर टिकरी तिराहा के पास आयोजिर धरने को संबोधित करते हुए धरना प्रदर्शन के नेतृत्व कर्ता टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि कहा जाता है जो बिगड़ा सो विगड़ा अब भी सुधार की सुरुआत हो सकती है लेकिन दुर्दसा की जिस अंधेरी सुरंग में हमारे लोकतंत्र को पहुंचा दिया गया है वहां से निकाल पाना नामुमकिन हो गया है फिर भी हार न मानने की जिद से कुछ किया जा सकता है वही बात आपसे कह रहा हूँ।
श्री तिवारी ने कहा कि मैं रिरियाने गिड़गिड़ाने की बात नहीं कर रहा हूँ हम तो आदिवासियों को जो संपदा कुदरत ने दी और उनके पूर्वज बचाकर हजारों साल से सुरक्षित किए हैं उसे बचाने की लड़ाई की बात करता हूं। मौजूदा दौर में विकास का मतलब है कि सरकारी तंत्र के दम पर किसान आदिवासी से ज़मीन छीन लो अमीर को दे दो ऐसे विकास को जनविरोधी कहने वालों को विकास विरोधी, लोकतन्त्र विरोधी और देशद्रोही बताया जाता है। विकास का विरोधी बताकर गालियां दी जाती है, देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये सबसे बड़ा खतरा बताया जाता है।
श्री तिवारी ने सवाल उठाते हुए पूंछा की कहां हैं वोट के लिए आदिवासी की माला जपने वाले जब परियोजनाओं की स्थापना के नाम पर आदिकाल से बसे आदिवासियों को जेल में डाला जा रहा है गोलियों से भूना जा रहा है और उनको उनके आशियाने से उजाड़ा जा रहा है ऐसे हजारों हजार आदिवासी प्रभावित एवं प्रताड़ित हैं। वोट के लिए पांव धोने और वोट के वाद सिर पर पेशाब करने का पाखंड और ढोंग की सच्चाई कुछ और ही है अन्यथा परियोजना के नाम पर आदिवासियों के गांव के गांव लूटने का सिलसिला नही चलता। सीधी जिले में संजय टाइगर रिजर्ब से विस्थापित किये जा रहे 52 ग्राम, गुलाब सागर से विस्थापित किये गए 9 ग्राम, आर्यन पवार के लिये विस्थापित किये जा रहे 2 ग्राम आदिवासी बाहुल्य ग्राम हैं इसी तरह परियोजना के लिए सारे सिंगरौली जिले में विस्थापित किये गए सारे ग्राम आदिवासियों के थे। सरदार सरोवर बांध से आदिवासियों के 45 ग्राम, बरगी बांध में मंडला सिवनी के आदिवासियों के 162 ग्राम, नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध से आदिवासियों के 125 ग्राम विस्थापित किये गए, भीमगढ़ बांध से 40 ग्राम के आदिवासी विस्थापित किये गए है, बसनिया बांध से मंडला डिंडोरी के 31 ग्राम के आदिवासी विस्थापित किये गए हैं, नर्मदा नदी पर बनाने वाले राघवपुर बांध से 48 आदिवासी बाहुल्य ग्राम विस्थापित होंगे, अपर नर्मदा बांध से डिंडोरी और अनूपपुर के 27 आदिवासी ग्राम विस्थापित होंगे, हालोंन बांध से मंडला और बालाघाट के 15 आदिवासी ग्राम विस्थापिर होंगे, तवा बांध से 44 आदिवासी ग्राम विस्थापित किये गए है, माचागोरा बांध से छिंदवाड़ा और सिवनी के 30 ग्राम आदिवासियों के विस्थापित हुए हैं। वर्तमान समय में ऐसी विषम परिस्थिति जवाबदेहों ने बनाया है जो प्रशासन व कंपनी के लोग मिलकर अन्याय पर उतारू हैं। बेईमानी पूर्वक किसानों के खाते में बिना सहमति के राशि डाली गई है। इतना ही नहीं आगे कहा कि पेशाब कांड के पीड़ित दसमत को मुख्यमंत्री ने चरण धोकर उनका सम्मान किया लेकिन वहीं हजारों हजार किसान आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है जिसमें मौन है। आगे कांग्रेस पार्टी एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि चुनाव के समय इन लोगों के द्वारा भी क्षेत्रवाद और जातिवाद फैलाया जाता है लेकिन इन आदिवासियों के लूट और अन्याय में इनका तमाशबीन बनना भरोसे के लायक नहीं है। धरना प्रदर्शन में मध्य प्रदेश किसान सभा के उपाध्यक्ष कामरेड रामनरायण कुररिया ने कहा कि नया भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के 24(2) में स्पष्ट लेख है कि जिस मद में जमीन ली गई है उसमें 5 साल के अंदर उस परियोजना का कार्य नहीं हुआ तो जमीन किसानों की होनी चाहिए वहीं उन्होंने हवाला दिया कि किसान मजदूरों ने जब जब संघर्ष किया है तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी बदलना पड़ा है इसलिए यहां के किसान आदिवासियों का संघर्ष भी उन्हें जीत दिलाएगा। रीवा से आए कामरेड लालमणि त्रिपाठी जिला पंचायत सदस्य गुढ़ ने कहा कि प्रभावित लोगों को मतदान बहिष्कार करने की रणनीति बनानी पड़ेगी और जब जब अपने अधिकार एवं अपने साथ हो रहे लूट एवं अन्याय के खिलाफ देश की जनता खड़ी है तो सरकारों को झुकना पड़ा है।यहां भी कानून प्रभावित किसानों के पक्ष में है जिसमें संघर्ष करने पर निश्चित ही कामयाबी मिलेगी। वहीं टोंको_रोको_ ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के कार्यकर्ता प्रभात वर्मा ने कहा कि यहां के किसानों की लूट में क्षेत्रीय विधायक, सांसद एवं मुख्यमंत्री की हिस्सेदारी है इसलिए चुप है बल्कि जब-जब किसान संघर्ष के लिए तैयार होते हैं तो उन्हें गुमराह भी किया जाता है। लालदेव सिंह सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यहां के विधायक कुंवर सिंह टेकाम भी इस लूट में मौन है जो मोबाइल से संपर्क करने पर फोन भी रिसीव नहीं करते हैं यह पीड़ादायक बात है की आदिवासियों की लूट में एक आदिवासी विधायक कैसे चुप है। एकता परिषद की जिला अध्यक्ष सरोज सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पूर्व जमीन वापस करने के लिए मामला जनता की अदालत में व न्यायालय में जाएगा। बढ़ता जनाक्रोश यह इशारा कर रहा है कि आगे बड़ा आंदोलन हो सकता है। धरना प्रदर्शन के सूत्रधार शिव कुमार सिंह ने कहा कि सभी तंत्र की मौजूदगी में हमारे क्षेत्र के किसानों के साथ डकैती हो गई है हमारे गुहार में न तो कभी क्षेत्रीय विधायक आए और ना ही सांसद इसलिए साबित होता है कि हम किसानों की जमीन लूट में यहां के सांसद विधायक और प्रदेश का मुख्यमंत्री शामिल है लेकिन हम लोगों का भी संकल्प है कि मर जाएंगे लेकिन जमीन अपनी नहीं देंगे। वहीं बिना किसानों के सहमत से उनके बैंक खाते में राशि जमा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और राशि वापस करने की मांग की गई। अन्य वक्ताओं में सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कोल, कामरेड बलराज सिंह, डॉक्टर धनंजय मिश्रा,जगन्नाथ जायसवाल, विनय मिश्रा, राम बहोर बैगा, श्रीनिवास साकेत,डॉ मनोज कोल, भूपेंद्र कुशवाहा विजय बहादुर सिंह सहित काफी तादाद में प्रभावित किसान एवं ग्रामीण शामिल रहे वहीं प्रशासन की ओर से उपखंड अधिकारी मझौली, तहसीलदार मझौली,नायब तहसीलदार मड़वास, राजस्व निरीक्षक मड़वास एवं सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस चौकी प्रभारी मड़वास केदार परौहा, पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी टिकरी पुष्पेंद्र सिंह बघेल, पुलिस चौकी प्रभारी पोंड़ी श्रीवास्तव पुलिस टीम के साथ मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार तिवारी के द्वारा किया गया।
किसान एवं ग्रामीणों द्वारा उनके बैंक खातों से राशि वापस करने की मांग की गई है जिसमें कहा गया है कि एक-एक करके जिन्हें राशि वापस करानी है वह तहसील मड़वास में आवेदन कर दें जांच करा कर राशि वापस कराने की कार्रवाई की जाएगी ज्ञापन में दिए गए अन्य मुद्दों पर भी निराकरण किया जाएगा।
*श्रेयस गोखले उपखंड अधिकारी मझौली*
प्रशासन के द्वारा कोई संतोषजनक समाधान नहीं दिया गया है इसलिए किसानों को संघर्ष के लिए फिर रणनीति बनानी पड़ेगी और जरूरत पड़ेगी तो संभाग आयुक्त रीवा के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन की तैयारी की जाएगी।
*उमेश तिवारी संयोजक टोंको_रोको_ ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा एवं नेतृत्व कर्ता*