श्रमिकों व उनके आश्रितों को योजनाओं का लाभ सरलता से प्राप्त हो – हेमंत
सीधी।मध्यप्रदेश भवन निर्माण एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा है कि श्रमिकों व उनके आश्रितों को शासन की योजनाओं का लाभ सेवाभाव मानकर दिलायें तथा इसका लाभ उन्हें सरलता से मिले। शासन द्वारा गरीब, शोषित व पीड़ित जनों के लिये जन्म से लेकर मृत्यु तक अनेक कल्याणकारी योजनाएं, संचालित की जा रही है। जिनका पात्र व्यक्तियों को लाभ दिलायें साथ ही उनके आश्रितों को इनका लाभ दिलाकर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि श्रम पदाधिकारी सभी अन्य विभागों के अधिकारी के साथ समन्वय बनाकर श्रमिकों के हित की योजनाओं का लाभ दिलायें। अध्यक्ष तिवारी कर्मकार मंडल द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिये संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राहुल धोटे, उपखण्ड अधिकारी गोपद बनास नीलेश शर्मा, वरिष्ठ विभागीय अधिकारी, सहित श्रमिक संगठन म.प्र. ठेका निर्माण मजदूर संघ सीधी के अध्यक्ष बद्री प्रसाद मिश्रा तथा कामगार कल्याण संघ सीधी के अध्यक्ष राजेश कुमार मिश्रा, जिला सलाहकार समिति के पदाधिकारी डाॅ. देवेन्द्र तिवारी एवं मनोज सिंह उपस्थित रहे। अध्यक्ष तिवारी ने समीक्षा बैठक में मंडल द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा श्रमिकों और मजदूर वर्ग तथा उनके आश्रितों के लिये सामाजिक सुरक्षा, प्रसूति सहायता, विवाह सहायता सहित अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। भवन एवं संनिर्माण मंडल द्वारा अधिसूचित 49 श्रम योजनाओं से इन वर्ग के लोगों को लाभ दिया जा रहा है। इनमें 10 अन्य केटेगरी को भी शामिल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक 16 लाख 79 हजार 704 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन हो चुका है। इनके पंजीयन में स्वघोषणा पत्र ही पर्याप्त है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा प्रोत्साहन योजनान्तर्गत इंजीनियरिंग, मेडिकल शिक्षा सहित देश से बाहर अध्ययन करने के लिये शुल्क का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है अतः इनके अधिक से अधिक बच्चों की खोजकर इनका भविष्य सुधारने में मदद करें। भोपाल में 100 करोड़ की लागत से श्रमिकों के बच्चों के लिये कौशल उन्नयन केन्द्र की स्थापना की जा रही है। तिवारी ने बताया कि म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिए 20 जनकल्याणकारी योजनाऐं संचालित है जिनका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक श्रमिकों को लाभ पहुचाएं। उन्होने जिले में श्रमिकों हेतु 04 श्रमिक शेड तथा 04 रैन बसेरा का प्रस्ताव जिला प्रशासन से अविलंब मांगा हे। उक्त शेड एवं रैन बसेरा जिले में बन जाने से सीधी शहर के बाहर से ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले निर्माण श्रमिकों को कार्य हेतु इंतजार करने तथा उनके रूकने हेतु व्यवस्था हो सकेगी। तिवारी ने योजनाओं की विस्तृत समीक्षा करते हुए बताया कि प्रसूति सहायता योजना अंतर्गत श्रमिक को 16 हजार रूपये, चिकित्सा सहायता योजना (आयुष्मान भारत योजना निरामयम) में श्रमिक को 5 लाख रूपये तक का निःशुल्क चिकित्सा लाभ, विवाह हेतु सहायता योजना में 55 हजार रूपये का हितलाभ, मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि सहायता एवं अनुग्रह भुगतान योजना में अन्त्येष्टि सहायता 6 हजार रूपये, सामान्य मृत्यु की दशा में 2 लाख रूपये, दुर्घटना में मृत्यु की दशा में 4 लाख रूपये, दुर्घटना में आशिंक स्थायी अपंगता की दशा में 1 लाख रूपये, निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना में अंत्येष्टि सहायता में 03 हजार रूपये, निर्माण कार्य के दौरान घटित दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रूपये, निर्माण कार्य के दौरान घटित दुर्घटना मे स्थायी अपंगता पर 2 लाख रूपये, शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना में इंजीनियरिंग की पढ़ाई, मेडिकल की पढ़ाई इत्यादि के लिए शैक्षणिक शुल्क मंडल द्वारा वहन किया जायेगा। इसी प्रकार सुपर 5000 (कक्षा-10वीं) योजना एवं सुपर 5000 (कक्षा-12वीं) योजना में 25 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि, राज्य लोक सेवा आयोग, संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता पर पुरस्कार योजना में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा में 15 हजार रूपये, मुख्य परीक्षा में 25 हजार रूपये, संघ लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा में 25 हजार रूपये एवं मुख्य परीक्षा में 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि, विदेश अध्ययन हेतु निःशुल्क शिक्षा योजना में 40 हजार यू.एस.डॉलर तक वास्तविक शिक्षण शुल्क एवं 10 हजार यू.एस.डॉलर तक निर्वाह भत्ता, खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना अंतर्गत जिलास्तर पर, संभाग स्तर पर एवं राज्य स्तर पर प्रोत्साहन राशि, मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार नगरीय आवास योजना अंतर्गत 01 लाख रूपये की राशि दी जाती है।