नाले के पानी पीने को मजबूर हुआ बैगा परिवार
सरपंच पर कूप पटाने का महिला ने लगाया आरोप
सीधी। एक ओर जहां केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों,व बैगा परिवार के उद्धार के लिए तरह-तरह की शासकीय योजनाएं संचालित कर रखी है वहीं उनके ही प्रतिनिधि एवं अधिकारी इन पर कहर ढाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं । मझौली जनपद के लगभग सभी ग्राम पंचायत में पार्टी कार्यकर्ताओं का बोल वाला है जहां पर उनके ही सहपर सगे संबंधियों एवं संरक्षण प्राप्त प्रतिनिधियों द्वारा आदिवासी एवं गरीब परिवार के लोगों को तरह-तरह की यातनाएं दी जा रही है जिसका ताजा मामला मझौली जनपद पंचायत अंतर्गत सिरौला ग्राम पंचायत का सामने आया है। जहां विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम के दौरान बैगा परिवार की एक महिला अपनी फरियाद लेकर पहुंची थी जिसने मीडिया को अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि सरपंच द्वारा मेरा कुआं पाट दिया गया है।
हम सब नाले के पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं जिसकी फरियाद लेकर हम शिविर में आई थी लेकिन अधिकारी हमारी फरियाद को ना सुनकर उनके ही साथ हाथ मिलाते घूम रहे हैं। महिला द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि पीने के पानी के लिए हम लोगों ने नाले के किनारे कुआं खोदी थी जिसे सरपंच द्वारा पटा दिया गया है हम सब नाले के पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं। समाचार पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया है अब देखना यह होगा कि ऐसे में जब की पीने के पानी के लिए बनाए गए कूप को पाट दिया गया है जिसके कारण बैगा परिवार के लोग नाले के पानी पीने के रूप मजबूर हो गए हैं शासन प्रशासन क्या कुछ कार्रवाही कर पता है।