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एनसीएल ने डीजीएमएस के साथ मिलकर ‘ड्रिलिंग-ब्लास्टिंग रॉक फ्रगमेनटेशन तकनीक’ पर आयोजित किया राष्ट्रीय सेमिनार

देश भर से 350 प्रतिभागी हुए शामिल, प्रस्तुत हुए 23 शोध पत्र

सिंगरौली – शनिवार को भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने खान सुरक्षा महानिदेशालय(डीजीएमएस) के साथ मिलकर “ओपनकास्ट खदानों में ड्रिलिंग-ब्लास्टिंग और रॉक फ्रगमेनटेशन प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति ” पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का भव्य आयोजन किया |

सेमिनार का उदघाटन श्री एस.डी. चिद्दरवार, उप. महानिदेशक (खान सुरक्षा), उत्तरी क्षेत्र ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में किया। इस अवसर पर श्री चिद्दरवार ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि ओपेनकास्ट खदानों से उत्पादन के लिए ड्रिलिंग-ब्लास्टिंग सबसे महत्वपूर्ण व वैज्ञानिक प्रक्रिया है, यह सेमिनार प्रतिभागियों को सुरक्षित व पर्फेक्ट ब्लास्टिंग से जुड़े विषयों व विभिन्न खदानों में सर्वश्रेष्ठ सुरक्षित प्रथाओं को साझा करने का बेहतरीन मंच है । उन्होने कहा कि यह सेमिनार हमें ब्लास्टिंग के दुष्प्रभावको कम करने के तरीकों , सुरक्षित खनन लिए बेहतर प्लानिंग व नई तकनीकों के मंथन के लिए एक अवसर प्रदान करता हैं । उन्होने एनसीएल द्वारा सेमिनार के सफल आयोजन के लिए बधाई दी ।

इस अवसर पर सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे एनसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री भोला सिंह ने “सुरक्षा प्रथम” के प्रति एनसीएल की प्रतिबद्धता को दोहराया और सभी कर्मियों से सुरक्षित संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के शत प्रतिशत क्रियान्वयन पर ज़ोर दिया। श्री सिंह ने एनसीएल के शानदार प्रदर्शन को सराहते हुए कहा कि एनसीएल अपनी खदानों में नई तकनीकी अपना रहा है। उन्होने प्रतिभागियों से सेमिनार में सीखे गए क्रियाकलापों को आत्मसात करने व फील्ड में अमल में लाने को कहा। उन्होने सुरक्षित व सतत खनन के साथ एनसीएल को दिये लक्ष्यों के अनूरूप कोयला आपूर्ति पर प्रतिबद्धता जताई।

सेमिनार में उप. महानिदेशक (खान सुरक्षा) श्री एस.डी. चिद्दरवार व सीएमडी एनसीएल श्री भोला सिंह के साथ-साथ एनसीएल के निदेशक(तकनीकी/संचालन) डॉ अनिंद्य सिन्हा, निदेशक (कार्मिक) श्री मनीष कुमार , निदेशक (वित्त) श्री रजनीश नारायण , निदेशक (तकनीकी/योजना एवं परियोजना) श्री जितेंद्र मालिक, खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के वरिष्ठ अधिकारीगण, एनसीएल के महाप्रबंधकगण/विभागाध्यक्ष , एनसीएल के जेसीसी सदस्य, सुरक्षा बोर्ड के सदस्य एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

सेमिनार में एनसीएल, कोल इंडिया की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों, सासन पावर, जेपीवीएल, अल्ट्राटेक, एपीएमडीसी, सीआईएमएफआर, आईआईटी-आईएसएम, आईआईटी बीएचयू, खड़गपुर एवं खनन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न प्रतिष्ठानों के 350 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

सेमिनार के उद्घाटन के दौरान शोध पत्रों की एक स्मारिका का विमोचन किया गया। सेमिनार में ब्लास्टिंग में मौजूदा सर्वोत्तम अभ्यास, चुनौतियां एवं सुधार की संभावना, ड्रिलिंग, ब्लास्टिंग और विखंडन में नवीनतम प्रगति, आईटी और डिजिटल टेक्नोलॉजी के लिए एप्लीकेशन, ब्लास्ट फ्री तकनीकी जैसे आदि विषयों पर 23 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिसमें एक अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्र ऑस्ट्रेलिया से भी प्रस्तुत हुआ ।

कार्यक्रम में ड्रिलिंग, ब्लास्टिंग और रॉक विखंडन प्रक्रिया की तकनीक, फील्ड में अपनाई जा रहीं सर्वोत्तम प्रथाएँ, चुनौतियाँ व सुरक्षा आदि पर गहन मंथन हुआ । साथ ही फील्ड में कार्य कर रहें प्रतिभागियों ने अपने अनुभव भी साझा किए व विभिन्न तकनीकी समस्याओं का समाधान भी लिया । सेमिनार में ब्लास्टिंग के दुष्प्रभावों जैसे कंपन आदि के कम करने को लेकर भी चर्चा हुई व अधिभार में सरफेस माइनर आदि तकनीकों से ड्रिलिंग- ब्लास्टिंग रहित उत्पादन पर भी विमर्श किया गया। ड्रिलिंग व ब्लास्टिंग में डिजिटाईजेसन के माध्यम से उत्पादकता व सुरक्षा में वृद्धि पर भी चर्चा हुई।

सेमिनार की भव्य सफलता एवं आयोजन में सेमिनार के संयोजक निदेशक खान सुरक्षा (खान), वाराणसी श्री एस एस प्रसाद एवं महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं बचाव), एनसीएल श्री पी डी राठी व उनकी टीम की अहम भूमिका रही।

गौरतलब है कि एनसीएल ने खान सुरक्षा महानिदेशालय(डीजीएमएस) के तत्वावधान में पिछले वर्ष भी ‘खान सुरक्षा में सर्वोत्तम प्रथाओं’ पर एक सेमिनार का आयोजन किया था ।

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