मलेरिया एवं डेगू से बचाव हेतु जिला टास्क फोर्स बैठक आयोजित
सिंगरौली -जिलें में मलेरिया एवं डेगू के रोकथाम हेतु कलेक्टर श्री अरूण परमार के अध्यक्षता एवं जिला पंचायत के
मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश, अपर कलेक्टर डी.पी बर्मन, आयुक्त नगर निगम पवन कुमार सिंह, मुख्य स्वास्थ एवं चिकित्सा अधिकारी एनके जैन के उपस्थित में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। बैठक के प्रारंभ में मलेरिया अधिकारी नागेन्द्र सिंह के द्वारा संबंधित बिमारियो के फैलने एवं लंक्षणो के साथ साथ इन बिमारियो से बचाव के संबंध में विधिवत अवगत कराया गया। उन्होने कहा कि इन बिमारियो को रोकने के लिए सभी विभागो का समन्वय एवं सहायोग आवश्यक है। मलेरिया एवं डेगू रोग प्रायः घर के आस पास पानी के जमा होने के साथ ही कुलर एवं टंकियो में लंबे समय से पानी के एकत्रित होने के कारण होने से होता है। साथ मलेरिया के लक्षण के संबंध में बताया कि ठण्ड देकर बुखार आना एवं पसीना देकर बुखार का उतरना थकावट महसूस करना बुखार अंतराल में आना इसके मुख्य
लक्षण है। उन्होने डेगू के लक्षण के संबंध में बताया गया कि तेज बुखार का आना, हड्डीयो एवं मासपेसियो में दर्द, आख घुमाने पर दर्द, त्वाचा के चक्ते पड़ना आदि है। उन्होने कहा कि मलेरिया की जॉच एवं उपचार ग्राम स्तर पर आशा एएनएम एवं चिकत्सालयो में मुफ्त उपलंब्ध है। वही डेगू की जॉच जिला चिकित्सालय में एलीजा रीडर द्वारा निःशुल्क किया जाता है। उपरोक्त लंक्षण दिखने पर बिना देरी अपनी जॉच कराये। बैठक के दौरान कलेक्टर श्री परमार ने जिले के नागरिको से अपील करते हुये कहा कि ऐसे बिमारियो के रोकथाम के लिए अपने आस पास गद्दा पानी एकात्रित न होने दे। तथा कुलर टंकी की नियमित साफ सफाई कराये। साथ ही सोते समय मच्छरदानी का नियमित उपयोग करे। उन्होने विभागीय अधिकारियो को जिम्मेदारी सौपते हुये शिक्षा विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि विद्यालय में प्रार्थन के समय के समय बच्चो को
चौपाल लगाकर मलेरिया से बचाव हेतु प्रेरित करे। कलेक्टर ने कहा कि पोस्टर चित्रकाला, निबंध लेखन स्लोगन आदि की प्रतियोगिता कराये। वही वन विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि वनवासियो को मलेरिया के संबंध में अवगत कराये मलेरिया से बचाव के तरीके बताये मच्छरदानी के उपयोग के लिए प्रेरित करे। वही पंचायत एवं ग्रमीण विकास विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि ग्राम सभा में ग्रामीणो से चर्चा कर मलेरिया के रोकथाम के लिए जागरूकता लाये। आदिम जाति कल्याण विभाग को भी निर्देश दिये कि छात्रावासो में मच्छरदानी एफटीडी बनवाया जाना, छात्रो की स्कीनिंग,
टंकी कुलर की साफ सफाई कराये। वही मत्स्य पालन विभाग को निर्देश दिये गये कि लारवाभंक्षी मछली पालन के उपयोग हेतु अधिक से अधिक प्रेरित करे। इसके अलावा भी कई विभागो को उक्त बिमारी के रोकथाम हेतु जिम्मेदारी दी गई। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये गये कि ग्राम पंचायतो में कैम्प आयोजित कर आम नागरिको को प्रेरित करे।