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बाढ़ नियंत्रण/ मानिटरिंग कक्ष की स्थापना तत्परता से की जाय: पुलिस अधीक्षक

सिंगरौली। पुलिस अधीक्षक मो. यूसुफ कुरैशी नें कहा कि जिला स्तरीय पुलिस बाढ़ नियंत्रण/ मानिटरिंग कक्ष की स्थापना तत्परता से की जाये। जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष, आपदा के समय 24 घण्टे कार्यशील रहेगा। इस नियंत्रण कक्ष का सतत संपर्क पुलिस नियंत्रण कक्ष से रहेगा। पुलिस अधीक्षक के द्वारा बाढ़ नियंत्रण कक्ष के लिए किसी पुलिस अधिकारी को प्रभारी अधिकारी (नोडल अधिकारी) नियुक्त किये जाने के निर्देश दिये गये।पुलिस अधीक्षक नें प्रभारी अधिकारी को बाढ संबंधी जानकारी से पूर्णत: अवगत रहते हुए. पुलिस मुख्यालय स्तर एवं अन्य अधिकारियों को जानकारी प्रदाय करने के लिये सीधे जिम्मेदार होगें।
पुलिस अधीक्षक के द्वारा कहा गया कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष में बाढ संबंधी प्रतिवेदनों की एक प्रति रखें एवं बाढ़ के समय बचावकार्य हेतु जिला पुलिस बल एवं होमगार्ड के तैराकों / बाढ़ राहत कार्य के लिए प्रशिक्षित जवानों की सूची तैयार कर रखी जाये जिससे विपदा के समय उनका तत्परता से उपयोग किया जा सके।

पुलिस अधीक्षक नें कहा कि थाना स्तर पर भी आवश्यकतनुसार बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर नियंत्रण कक्ष का टेलीफोन नंबर, प्रभारी अधिकारी का नाम उनके कार्यालय एवं निवास के टेलीफोन नंबर जिला स्तरीय पुलिस कन्ट्रोल रूम में रखें, जिससे आवश्यकता पड़ने पर जिला मुख्यालय से थाना स्तर पर भी सूचनाओं का तत्परता से आदान-प्रदान किया जा सके।पुलिस अधीक्षक नें कहा कि जिले के जीर्णशीर्ण खतरनाक पुल/ पुलिया / रपटे जिन पर अत्यधिक वर्षा की स्थिति में यातायात अवरूद्ध होते हैं, उन्हें पूर्व से चिन्हित कर लोक निमार्ण विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर, आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करावें ताकि संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

पुलिस अधीक्षक नें कहा कि जिले में बांधों से छोड़े जाने वाले पानी के संबंध में 24 घण्टे पूर्व प्रभावित ग्रामों के लोगों को बीट प्रभारी/ ग्राम कोटवार, नगर/ ग्राम रक्षा समिति के सदस्यों के माध्यम से अलर्ट किया जाये। ग्राम कोटवार को वर्षा के दौरान ऐसे नाले, नदियों, पुल एवं रपटों जिन पर बाढ आती है. इन पर निगाह रखने एवं बाढ़ की स्थिति होने पर क्षेत्रीय थानों /पुलिस चौकियों को तत्काल जानकारी देने हेतु पाबंद किया जाये।

पुलिस अधीक्षक नें कहा कि अतिवृष्टि, बाढ, बांधो से पानी छोड़े जाने की स्थिति में प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को पूर्व से ही चिन्हित कर लिया जाये एवं क्षेत्र के निवासियों / मवेशियों की सुरक्षा के लिये वैकल्पिक व्यवस्था हेतु ग्राम कोटवार को जिम्मेदारी सौंपी जाये ताकि नागरिकों एवं मवेशियों को समय रहते गांवों में ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाकर जन / धन की संभावित हानि को रोका जा सके। ग्रामीणों को ठहराने के लिये स्थान पूर्व से चिन्हित किये जाये।पुलिस अधीक्षक नें कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पुलों / रपटों पर पानी बहने की स्थिति में बस / ट्रक चालकों एवं आम जनता को नदी/नाले पार न करने की सख्त हिदायत दी जाये। एवं ऐसे स्थानों का चिन्हांकन कर आवश्यक संकेतक लगाये जाये एवं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को भी आवश्यकतानुसार तैनात किया जावे। बाढ़ की स्थिति में यातायात को सुचारू रूप से जारी रखने के लिये वैकल्पिक भागों का उपयोग करने हेतु पूर्व से ही चिन्हित कर लिया जाये। जिले के जिन थाना क्षेत्रो में जहां पुल / पुलिया / रपटा आदि है, उनमें ड्राप गेट के साथ-साथ संकेतक आवश्यक रूप से संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित कर लगवाना सुनिश्चित किया जाये। पुलिस अधीक्षक जिला सिंगरौली मो. यूसुफ कुरैशी के द्वारा जिले के आमजन से अपील की गई कि विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी वर्षा ऋतु में अतिवृष्टि / बाढ़ आदि नैसर्गिक विपत्तियों से निपटने हेतु पूर्व तैयारियां पुलिस प्रशासन के द्वारा सुनिश्चित की जा रही है, किन्तु आम नागरिको का यह कर्तव्य है कि ऐसी स्थिति में विशेष सतर्कता बर्ती जाये एवं जिले के जीर्णशीर्ण खतरनाक पुल/ पुलिया / रपटे जिन पर अत्यधिक वर्षा की स्थिति में यातायात अवरूद्ध होते हैं, उन पुल/ पुलिया / रपटो से जाने के प्रयास न किये जाये। सिंगरौली पुलिस आपकी सेवा में सदैव तत्पर है।

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