ग्वालियर की एनजीओ ने 220 किमी प्रति घण्टा के रफ्तार से चार घण्टे में तय किया सिंगरौली का ,सफर
उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण की कारगुजारी
सिंगरौली 28 जून। सिंगरौली से ग्वालियर की दूरी को सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण के उप संचालक ने आसान कर दिया है। एक एनजीओ को साक्षात्कार एवं दस्तावेज के सत्यापन के लिए केवल 4 घण्टे का वक्त ही उपस्थित होने के लिए दिया और एनजीओ का कर्ताधर्ता उसी दिन जिला पंचायत में हाजिर भी हो गया। यह सुनने में थोड़ा सा अटपटा जरूर लग रहा होगा। लेकिन यह बात सौ आना सच है। मामला दिव्यांग विद्यालय डगा, बरगवां से जुड़ा हुआ है
दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 24 अपै्रल को कलेक्टर के कार्यालय से जिला पंचायत सिंगरौली के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के हस्ताक्षर से एक विज्ञापन जारी हुआ। जिसमें उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग सिंगरौली के अंतर्गत मूक बधिर एवं दृष्टि बाधित बच्चों के लिए विशेष आवासीय विद्यालय ग्राम डगा बरगवां में स्थित है। भवन दिव्यांगों के लिए बाधारहित एवं सर्वसुविधायुक्त है। विज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया था कि भवन में 100 विद्यार्थियों के पढऩे एवं 60 विद्यालयों की आवासीय सुविधा उपलब्ध रहेगी।
इसका संचालन अशासकीय संस्थाओं, एनजीओ के माध्यम से कराये जाने के लिए 25 अपै्रल से 15 मई 2023 तक प्रस्ताव आमंत्रित किये गये थे। संस्था चयन के लिए 19 पात्रता शर्तें रखी गयी थीं। जहां आवेदन उपरांत पहला साक्षात्कार 31 मई को हुआ। वहीं अंतिम साक्षात्कार एवं दस्तावेजों के परीक्षण के लिए 23 जून अपरान्ह 3 बजे तिथि एवं समय मुकर्रर की गयी। सूत्र बता रहे हैं कि कार्यालय कलेक्टर सामाजिक न्याय सिंगरौली के उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण के अनुराग मोदी के द्वारा पत्र क्र.201 दिनांक 23.06. 2023 को अध्यक्ष, सचिव जय मॉ कालिका नि:शुक्त कल्याण शिक्षा कटई जिला सिंगरौली एवं दिव्य दृष्टि एण्ड वेलफेयर सोसायटी जिला ग्वालियर को पत्र जारी हुआ है। Singrauli news
साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने विधिवत पत्र जारी हुआ। पत्र मेें स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि दिव्यांग विद्यालय डगा के लिए उक्त संस्थाओं को पात्र पाया गया है। साक्षात्कार 23 जून 2023 को जिला पंचायत सभागार में समय सायं 3 बजे उपस्थित हों। साक्षात्कार में संस्था संचालन का अनुभव, विशेषज्ञों की पद नियुक्ति, प्रावीण्यता कौशल, दिव्यांग शिक्षा एवं कौशल में दृष्टि एवं नवाचार को साथ में लाना था। अब सवाल उठ रहा है कि 23 जून को यह पत्र ग्वालियर जिले से जुड़े एनजीओ को जारी हुआ और मात्र चार घण्टे के अंदर जिला पंचायत सिंगरौली में अभिलेखों के साथ उपस्थित होने का फरमान सुना दिया। सिंगरौली से ग्वालियर की दूरी तकरीबन 1000 किमी है। एक हजार किमी दूरी का सफर तय करना चार घण्टे में क्या संभव था? यह अपने आप में बड़ा अचरज भरा लग रहा है। हालांकि बताया जा रहा है कि इन दिनों सामाजिक न्याय एवं जिला पंचायत में सब कुछ संभव है। सामाजिक न्याय विभाग ने ऐसा कारनामा करते हुए सबको चौका दिया है। Singrauli news
हालांकि पृष्ठांकन क्रमांक में तिथि 22 जून उल्लेख है। फिर भी 24 घण्टे में ट्रेन या फोर व्हीलर से ग्वालियर से सिंगरौली पहुंचना टेढ़ी खिर साबित होगा। सूत्र बता रहे हैं कि 23 जून को ही ग्वालियर जिले का उक्त एनजीओ जिला पंचायत में हाजिर हो गया। उसके दस्तावेज कितने पात्र हैं यह तो उच्च स्तरीय जांच के बाद ही पता चल पायेगा। दस्तावेजों में भी कई झोल दिख रहे हैं। फिलहाल उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण सिंगरौली का यह पत्र इन दिनों चर्चाओं का विषय बना हुआ है। साथ ही यह भी चर्चा है कि पात्र पाये गये एनजीओ पर उक्त विभाग के अधिकारी दरियादिली दिखाते हुए बड़े मेहरबान हैं। वहीं एनजीओ पर साहब की मेहरबानी को लेकर प्रदेश सरकार के कामकाज पर भी तरह-तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं।
ग्वालियर से सिंगरौली के लिए प्लेन भी नहीं…
जिला पंचायत के दफ्तर में पता चला कि ग्वालियर के एक एनजीओ के कर्ताधर्ता ने 220 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से चलकर सिंगरौली पहुंचा है। पहले लोगबाग खुशी से झूम उठे की चलिए अच्छा हुआ जिला पंचायत ने सिंगरौली से ग्वालियर की राह आसान कर दिया है। लोगबाग खुश हो गये, लेकिन उनकी खुशी एक पल में ही शांत हो गयी और लोगों का माथा चकराने लगा। यह सब कैसे संभव है। इसी दौरान बात छनकर आयी कि सिंगरौली से ग्वालियर के लिए हवाई जहाज भी नहीं है और यह सुविधा अभी उपलब्ध नहीं है। वंदेमातरम ट्रेन भी इतनी स्पीड नहीं चलती फिर एनजीओ का कर्ताधर्ता सिंगरौली कैसे पहुंचा।