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हत्‍या के सनसनीखेज मामले में तीन आरोपियों को आजीवन सश्रम कारावास

सीधी-बताया गया कि दिनांक 19.11.2016 को फरियादी विनोद मिश्रा पिता रामलाल मिश्रा उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम बेलदह थाना चुरहट ने पुलिस चौकी सेमरिया में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज करायी कि सुबह 09:15 बजे वह गेंहू पिसाने ग्राम हनुमानगढ, दिनेश गुप्‍ता की दुकान गया था, वहां अजीत कुमार त्रिपाठी खडा था जिसे देख कर रवी उर्फ हेमंत तिवारी, जयप्रकाश दुबे और राजीव बहेलिया अश्‍लील शब्‍दों से उसे बुलाने लगे, तब अजीत द्वारा मना करने पर अभियुक्‍तगण द्वारा उसके साथ लाठी डण्‍डे से मारपीट की गई। हल्‍ला गोहार सुन कर बीच बचाव करने आये दीनबंधु गुप्‍ता, रामखेलावन त्रिपाठी, हरीराम गुप्‍ता और सीताराम गुप्‍ता को भी जान से मारने की नीयत से लोहे की राड से सिर,पैर और पीठ पर मारा गया, जिससे रामखेलावन त्रिपाठी के सिर में गहरी चोंट लगी और खून की उल्‍टी करते हुए बेहोश हो गये। घटना की सूचना पर पुलिस चौकी सेमरिया में अभियुक्‍तगण के विरूद्ध मर्ग अपराध पंजीबद्ध किया गया, जिसके आधार पर थाना चुरहट में अपराध क्र. 478/16 अंतर्गत धारा 294, 323, 307, 506, 34 भादवि दर्ज कर मामला विवेचना में लिया गया। आहत रामखेलावन त्रिपाठी को गंभीर चोंट आने से उपचार के दौरान उसकी मृत्‍यु हो गई। विवेचना उपरांत अभियुक्‍तगण के विरूद्ध धारा 302, 326, 324(दो-शीर्ष), 323/34, 294, 506 भाग-2 भादवि अंतर्गत अभियोग पत्र तैयार कर दिनांक 24.01.2017 को माननीय न्‍यायालय सीधी के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया, जिसके न्‍यायालयीन सत्र प्र.क्र. 17/2017 में शासन की ओर से सशक्‍त पैरवी करते हुए अपर लोक अभियोजक श्री बृजेश किशोर पाण्‍डेय द्वारा अभियुक्‍तगण को दोषी प्रमाणित कराया गया जिसके परिणामस्‍वरूप माननीय प्रथम अपर सत्र न्‍यायाधीश श्री मुकेश कुमार की न्‍यायालय के द्वारा अभियुक्‍तगण बबोल उर्फ राजीव बहेलिया उर्फ जडगा पिता मोहन बहेलिया उम्र 29 वर्ष, निवासी ग्राम हनुमानगढ थाना चुरहट, रवी उर्फ हेमंत तिवारी पिता मोहनलाल तिवारी उम्र 26 वर्ष, निवासी ग्राम बेल्‍दह, चौकी सेमरिया, थाना चुरहट एवं जयप्रकाश दुबे उर्फ बबलू पिता सरस्‍वती प्रसाद दुबे उम्र 30 वर्ष, निवासी ग्राम हनुमानगढ थाना चुरहट को धारा 302/34 आईपीसी के तहत आजीवन सश्रम कारावास और 10,000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 325/34 आईपीसी के तहत 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000/- 5000/- जुर्माना और आईपीसी की धारा 323/34 (5 शीर्ष) के तहत 03-03 महीने की सश्रम कारावास और 1000/-1000/- रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया गया।

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