न्यायालय आयुक्त नि:शक्तजन भोपाल ने कलेक्टर से मांगा संपूर्ण कार्रवाई का प्रतिवेदन
सिंगरौली । बरगवां में मूक बधिर एवं दृष्टिबाधित विशेष बच्चों के आवासीय व्यवस्था देख-रेख के लिए चयन किये जा रहे एनजीओ को लेकर न्यायालय आयुक्त नि:शक्तजन म.प्र.भोपाल ने कलेक्टर को पत्र जारी कर संपूर्ण कार्रवाई का अतिशीघ्र प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है। नवभारत ने 29 एवं 30 जून को एनजीओ दिव्य दृष्टि पर उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण सिंगरौली के क्रियाकलापों को प्रकाशित किया था। जहां न्यायालय आयुक्त नि: शक्तजन भोपाल ने उक्त मामले को गंभीरता से लिया है।
गौरतलब हो कि बरगवां में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण के तहत मूक बधिर एवं दृष्टिबाधित बच्चों के लिए विशेष आवासीय विद्यालय के भवन में 100 विद्यार्थियों को पढऩे एवं 60 विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। इसके संचालन के लिए अशासकीय संस्थाओं एनजीओ के माध्यम से कराये जाने के लिए दिनांक 24 अपै्रल 2023 से 15 मई तक आवेदन करने के लिए प्रस्ताव मंगाये गये थे।
जिसमें कई एनजीओ संस्थाओं ने आवेदन किया। सूत्र बता रहे हैं कि 31 मई को प्राप्त प्र्रस्तावों के आधार पर संबंधित एनजीओ के कर्ताधर्ताओं को बुलाया गया। कई आवेदनों को अपात्र मानकर निरस्त कर दिया गया। लेकिन ग्वालियर की एक एनजीओ दिव्य दृष्टि एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी व सरई अंचल में स्थित जय मॉ कालिका नि:शक्त कल्याण शिक्षा कटई के अध्यक्ष व सचिव को अंतिम साक्षात्कार एवं दस्तावेजों के सत्यापन के लिए 23 जून को अपरान्ह 3 बजे जिला पंचायत के सभागार में उपस्थित होने के लिए उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन सशक्तिकरण सिंगरौली ने आनन-फानन में पत्र जारी कर दिया।
यह पत्र 23 जून को ही जारी हुआ। हालांकि पृष्टांकन में 24 जून उल्लेख है। साक्षात्कार के लिए उक्त पत्र जारी होने के बाद उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग के क्रियाकलापों को लेकर तरह-तरह के आरोप लगाकर एनजीओ वंदन संस्था जबलपुर, आदर्श विकलांग सेवा संघ एवं पब्लिक वेलफेयर युवक मण्डल समिति सिंगरौली के द्वारा शिकायतें की जाने लगीं।
वहीं च्च्नवभारतज्ज् ने भी 29 जून को च्च्ग्वालियर की एनजीओ ने 220 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से चार घण्टे में तय किया सफर ज्ज् एवं 30 जून को च्च् दिव्य दृष्टि एनजीओ पर उप संचालक की कृपा दृष्टिज्ज् नामक शीर्षक खबर प्रमुखता के साथ प्रकाशित की गयी।
जहां 30 जून को ही न्यायालय आयुक्त नि:शक्तजन म.प्र.भोपाल के द्वारा गंभीरता से लिया जाकर कलेक्टर सिंगरौली से संपूर्ण कार्रवाई का प्रतिवेदन मांगा गया है। न्यायालय आयुक्त ने प्रथम दृष्टया में उक्त चयन प्रक्रिया के प्रचलन संबंधी संपूर्ण कार्रवाई को दूषित माना है। न्यायालय आयुक्त के उक्त पत्राचार से सिंगरौली के सामाजिक न्याय विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है।
धारा 50 की फाइल को पेंडिंग में रखने का लगा है आरोप
अध्यक्ष आदर्श विकलांग सेवा संघ आदर्श वार्ड 40 सिंगरौली ने माननीय न्यायालय आयुक्त नि:शक्तजन म.प्र.के यहां लिखित शिकायत करते हुए जिले के सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग पर गंभीर आरोप लगाया है। शिकायत में उल्लेख किया है कि संस्था चयन हेतु पात्रता की शर्तें बिंदु क्रमांक 4 में दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 50 में पंजीकृत होना आवश्यक है।
संस्था आदर्श विकलांग सेवा संघ धारा 50 अंतर्गत पंजीकृत है। जिसकी वैधता 21 नवम्बर 2022 थी। नवीनीकरण के लिए 18 सितम्बर 2022 को आवेदन पत्र दिया गया, किन्तु अभी तक नवीनीकरण का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। जबकि म.प्र.दिव्यांग अधिकार नियम 2017 के अनुसार 45 दिन के अंदर प्रमाण पत्र जारी करने का प्रावधान है
किन्तु जिले के सामाजिक न्याय विभाग ने जान बूझकर धारा 50 की फाइल को पेंडिंग में डाल रखा है। इसका मुख्य उद्देश्य संस्था को इस चयन प्रक्रिया से बाहर कर अपात्र की श्रेणी में लाना था। आरोप है कि दिव्य दृष्टि एनजीओ पर जिम्मेदार अधिकारी ने दयादृष्टि दिखाने का प्रयास किया है। इसके पीछे साहब की मंशा क्या है वह भी जगजाहिर है।