पीआईयू कार्यपालन यंत्री की कारस्तानी से सरकार को लगा 12 लाख का चूना।
सीधी:– इन दिनो जिले मे भ्रष्टाचार सुर्खियों में है,चाहे बात मनरेगा की हो या फिर पीएचई की जगह-जगह मनमानी तरीके से सरकारी राशि को खुर्द-बुर्द करने का कार्य किया जा रहा है। कुछ इसी तरह का मामला संभागीय परियोजना यंत्री कार्यालय सीधी का प्रकाश में आया है जहां प्रभारी कार्यपालन यंत्री ने नियम विरूद्ध तरीके से कार्यादेश जारी कराकर सरकार को 12 लाख रूपये की चपत लगाई है। इस संबंध में भ्रष्टाचार विरोधी टीम के सदस्य रमेश साकेत ने बताया कि पीआईयू के कार्यपालन यंत्री प्रदीप कुमार चढ़ार द्वारा सीधी जिले के कुसमी,मझौली एवं सेमरिया में स्वीकृत सामुदायिक भवन निर्माण में जमकर हेराफेरी की गई है। साकेत ने आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त तीनो भवन निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी जिसमें कुसमी में अतिरिक्त कक्ष हायर सेकण्ड्री स्कूल के निर्माण को लेकर बुलाई गई निविदा में 8.65 प्रतिशत बिलो टेंंडर आया था। इसी तरह मझौली की निविदा 22.10 प्रतिशत कम दर पर थी एवं सेमरिया का टेंडर 21 प्रतिशत कम रेट पर डाला गया था। निविदा स्वीकृत होने के बाद भी उक्त ठेकेदारों से अुनबंध न कराकर उन्हे मुक्त कर दिया गया और अपने मनचाहे ठेकेदार को इन निर्माण कार्यो की जिम्मेदारी सौंप दी गई।
इस तरह हुआ गोलमाल:-
शिकायतकर्ता रमेश साकेत से मिली जानकारी के अनुसार कार्यपालन यंत्री पीआईयू प्रदीप कुमार चढ़ार द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से दिए गए कार्य में व्यापक पैमाने पर गोलमाल किया गया है उनके द्वारा कुसमी एवं जूरी के अतिरिक्त कक्ष निर्माण में निविदा टेंडर के अनुसार कार्य न कराकर पूरक कार्य मानकर जोड़ दिया गया जिससे विभाग को 12 लाख रूपये की क्षति हुई है। इसी तरह सेमरिया,मझौली के भी कार्यो में गोलमाल किया गया है जिससे सरकार को काफी आर्थिक क्षति पहुंची है।
किया गया यहां भी गड़बड़झाला:-
शिकायतकर्ता के अनुसार कार्यपालन यंत्री संभागीय परियोजना यंत्री प्रदीप कुमार चढ़ार द्वारा जहां निविदा कार्य में गोलमाल कर 12 लाख की चपत लगाई है वहीं पूरक कार्य का अनुबंध किए बिना पांच प्रतिशत जमा होने वाली परफारमेंस राशि भी नही जमा कराई गई। इतना ही नही पूर्व में निविदा की अमानती राशि भी राजसात कर शासन के खजाने में नही जमा कराई गई। इसके अलावा शासन को रेवन्यू स्टांप जो 0.25 प्रतिशत लगता है उसकी भी राशि नही जमा कराई गई और सेमरिया व मझौली के कार्यो में बिना पूरक अनुबंध के कार्यादेश जारी कर दिया गया।
सचिव एवं परियोजना संचालक से शिकायत:-
भ्रष्टाचार विरोधी दल के सदस्य रमेश साकेत ने बताया कि पीआईयू के संभागीय परियोजना यंत्री सीधी प्रदीप कुमार चढ़ार के द्वारा मनमानी तरीके से किए जा रहे कार्यो के संबंध में मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग के सचिव एवं परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पीआईयू को पत्र लिखकर जांच की मांग की गई है। उन्होने बताया कि पूरक कार्य नियमानुसार समीप में चल रहे कार्यो से जोड़कर कराया जाता है। लेकिन यहां जो पूरक कार्य का नाम दिया गया है वह समीपी चल रहे निर्माण कार्यो से करीब 100 किमी की दूरी पर है। अगर इस मामले में सचिव लोक निर्माण विभाग पीआईयू एवं परियोजना संचालक द्वारा समय पर कार्रवाई नही की गई तो मामले की शिकायत मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री करेगें।
इनका कहना हैं:-
ये व्यवस्था सिर्फ सीधी में नही है बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में है। मार्च में काम लेप्श हो जाते इसलिए मेरे पास कोई आप्सन नही था। मैने जो भी किया है वह अतिरिक्त परियोजना संचालक की अनुमति से ही किया है। रही बात ठेकेदारों की तो निविदा डालने वाले ठेकेदारों ने काम नही किया तो मैं उनके हांथ पैर जोड़ने नही जाऊंगा और शिकायत करने वाले स्वतंत्र है वह कुछ भी करते रहते है।
प्रदीप कुमार चढ़ार,
संभागीय परियोजना यंत्री पीआईयू सीधी