रामपुर मे युवा समाज सेवी ने पकड़ा अवैध शराब का जखीरा, पुलिस को किया सुपुर्द, आबकारी विभाग बना अंजान।
आबकारी विभाग का काम कर रहे हैं सामाजिक कार्यकर्ता
सीधी-रामपुर नैकिन क्षेत्र में देसी विदेशी शराब दुकान के ठेकेदार की दबंगई सामने आती हुई दिखाई दे रही है खुलेआम अवैध शराब की तस्करी करते हुए देखे जा रहे हैं। अपनी दुकान से लोड करके दूसरे अन्य छोटे गोमती होटल तथा ढाबों में उसे बिक्री करने के लिए ले जा रहे थे। लेकिन आज कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर आप भी ठेकेदार की इन हरकतों की शर्मनाक करतूत को जान सकते हैं। जो काम आबकारी विभाग के अधिकारियों को करना था। वह रामपुर नैकिन क्षेत्र के युवा और समाजसेवी कर रहे हैं। अवैध शराब का जखीरा जैसे ही नगर पंचायत रामपुर नैकिन के देसी और विदेशी शासकीय दुकान से निकला युवा उसके पीछे चल दिए और जैसे ही रामपुर नैकिन से आधा किलोमीटर की दूरी पर पहुंचे तभी युवाओं के द्वारा उन्हें गाड़ी रोकने के लिए कहा गया लेकिन जब तक वह गाड़ी रोक पाते तब तक उन्होंने अवैध शराब के उस जखीरे को वहीं पर फेंक दिया और वहां से रफूचक्कर हो गए। इतना ही नहीं बल्कि उनके पीछा करने से लेकर उनके फेंकने तक की सभी उन्होंने बीडीओ को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद भी कर लिया है। जिसके बाद उन्होंने अपना फर्ज निभाया और तत्काल पुलिस को सूचना दी गई जहां थाना प्रभारी रामपुर नैकिन निरीक्षक सुधांशु तिवारी के निर्देशन में वहां पर पुलिसकर्मी पहुंचे और उसे अवैध सामान को जप्त कर थाने ले आए। वहीं पूरे मामले को लेकर थाना प्रभारी रामपुर नैकिन निरीक्षक सुधांशु तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि कुछ युवाओं के द्वारा हमें सूचना दी गई थी कि दो व्यक्ति अवैध शराब को ले जा रहे थे और उन्होंने रास्ते में उसे फेंक दिया। जिस पर हमने अपनी टीम को भेजा और उस अवैध शराब के सामान को थाने लेकर आए और कार्यवाही अब की जा रही है। वहीं समाजसेवी अभिषेक तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि अवैध शराब का यह व्यापार लगातार चल रहा है। अवैध शराब का जो यहां लाइसेंसी ठेकेदार है वह लगातार मनमानी कर रहा है। जो लोग उसका विरोध करते हैं उस पर हमला करवा दिया जाता है। उस पर बोतले तोड़ दी जाती हैं, लेकिन फिर भी प्रशासन इस बात पर अनजान बना हुआ है।
बहरहाल इस पूरे मामले को देखकर कई तरह के सवाल मन में उठते हैं
आबकारी विभाग क्या इसी तरह अनजान बन कर घूमता रहेगा?
अवैध शराब पर लगाम क्यों नहीं लग सकता जबकि अवैध शराब को रोकने के लिए आबकारी विभाग ही बनाया गया है?
एक विभाग जो केवल एक ही काम करता है वह अपनी जिम्मेदारी से क्यों पल्ला झाड़ रहा है?
आबकारी विभाग के अधिकारी केवल यहां कोरम पूर्ति करने के लिए आते हैं और दो चार छोटे-मोटे केस बनाकर क्यों चले जाते हैं?
अगर इस बार शराब पकड़ी गई है तो इस पर क्या शराब के लाइसेंस ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी?
अगर शराब शराब की लाइसेंसी ठेकेदार के द्वारा पहुंचाई जा रही है और उसका सीरियल नंबर अगर शराब की लाइसेंसी दुकान से मैच कर रहा है तो उस पर कौन सी धारा लगती है यह अभी तक सिद्ध नहीं हो पाया है?
फिलहाल कुछ भी हो पर पुलिस ने अभी तक कार्रवाई की है जिसमें सबसे बड़ा योगदान युवाओं का रहा है और युवाओं ने यह निश्चय किया है कि हम लगातार ऐसी ही अवैध शराब पर कार्रवाहिया पुलिस से करवाते रहेंगे।जब तक कि हमारे क्षेत्र मे अवैध शराब की बिक्री और खरीद पर लगाम नहीं लगती।