Uncategorized

सचिव ने लिखा जिला पंचायत सीईओ को पत्र

जिला पंचायत सीधी को कार्य से मुक्त करने के लिए आवेदन पत्र भी सौप दिया है।

सीधी-सचिव ने लिखा जिला पंचायत सीईओ को पत्र कहा साहब मुझे नहीं चाहिए सचिवीय प्रभार, जाने ऐसा क्यू कहा

अजब गजब सीधी की अनोखी कहानी। जहां एक सचवी प्रभार पाए सचिव ने कह दिया कि हमें सचिव का प्रभार ही नहीं चाहिए साहब मुझे यहां से मुक्त कर दें। दरअसल यह पूरा मामला सीधी जिले के जनपद पंचायत सिहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत लौआ में पदस्थ सचिव का वायरल पत्र कह रहा है। वही जिसमें सरपंच की तानाशाही रवैया की वजह से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी को कार्य से मुक्त करने के लिए आवेदन पत्र भी सौप दिया है।

वायरल पत्र का क्या है मुख्य वजह

आपको बतादे की पंचायत राज संचालनालय मध्य प्रदेश के संचालक सह आयुक्त अमरपाल सिंह के इस पत्र क्रमांक 9283 दिनांक 28 जून 2023 के आदेश अनुसार मध्यप्रदेश के समस्त कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को आदेशित कर दिया था।

वही 1 जुलाई 2023 को जिले के समस्त ग्राम पंचायतों में आयुष्मान कार्ड से सम्बंधित ग्राम सभा का आयोजन एवं ईकेवाईसी का कार्य भी किया जाएगा। लेकिन सरपंच की तानाशाही के रवैया की वजह से लौआ पंचायत में कार्यक्रम का आयोजन तक नहीं हो सका।

सरपंच ने सचिव को नहीं दी ग्राम पंचायत कार्यालय की चाबी

आपको बतादे की सचिव तेजभान सिँह यादव ने जानकारी देते हुए बताया है कि यह लौआ पंचायत के सरपंच पंच राज वर्मा के द्वारा एक जुलाई को ग्राम पंचायत कार्यालय का ताला भी नहीं खोला गया है। और ना ही मुझे चाबी दी गई जिसकी वजह से मुझे खुले ही जगह में उक्त कार्यक्रमों का संपादन करना पड़ा है।

जहा वही सरपंच के द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग भी नहीं किया जाता है और आए दिन मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता है। वही जिसकी वजह से मुझे लौआ पंचायत के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया जाए। वही इसी वजह से सचिव तेजभान यादव ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी को 24 जून 2023 को पत्र लिखा था।

फर्जी राशि का आहरण करवाने का सचिव ने लगाया आरोप

दरअसल सचिव ने सरपंच राज वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए है जहा अपने पत्र में उल्लेखित किया गया है। वही सरपंच के द्वारा गलत ही तरीके से राशि आहरण करने का दबाव बनाया जाता है। और साथ ही मनरेगा सहित अन्य योजनाओं का आईडी और पासवर्ड अपने पास रखना चाहता है। वही ऐसा न करने की स्थिति में कभी पंचायत कार्यालय की चाबी भी नहीं दी जाती है। जहा तो कभी अन्य तरीके से प्रताड़ित किया जाता है। वही जबकि उनके गलत कार्यों का ग्रामीणों ने विरोध भी किया है सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की है।

सबसे बड़ा और अहम सवाल

वही क्षेत्र में चर्चा का विषय भी बना हुआ है कि यहाँ सरपंच राज वर्मा राजनीतिक संरक्षण होने की वजह से इस तरह के कृत्य कर भी रहा है। वही जबकि अभी उनके कार्यकाल का एक वर्ष ही बीता है। वही जहा आने वाले समय में उनकी तानाशाही कितनी सामंतवादी हो जाएगी।

जहा वही इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। वही फिलहाल सबसे बड़ा और अहम सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या अब सचिव के पत्र पर और सरपंच के इस तानाशाही रवैया को देखते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी क्या कोई कार्यवाही करते हैं। वही फिर इसी तरह से सरपंच का तानाशाही रवैया जारी रहेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button