नाबालिग से छेडछाड के आरोपी को 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000/- रू. जुर्माना:
बताया गया कि अभियोक्त्री उम्र 13 वर्ष जो कक्षा 9 में पढ़ती है, मां के बचपन में गुजर
जाने के कारण ग्राम रजडिहा, आरक्षी केन्द्र कोतवाली, जिला सीधी में अपने नाना-नानी के घर में रहती है। उसी
गांव का अभियुक्त सीताप्रसाद पाण्डेय तनय विद्याकांत पाण्डेय, उम्र 37 वर्ष, जो अभियोक्त्री पर बुरी नीयत
रखता था एवं उसे अकेले मिलने बुलाया करता था। दिनांक 26.09.2020 को समय रात्रि करीबन 07:30 बजे जब
अभियोक्त्री अपने मामा की अन्य लडकियों के साथ शौच के लिये खेत में बैठी थी, तभी अभियुक्त वहां आ गया
एवं अवयस्क अभियोक्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उसका हाथ पकड़ लिया। अभियोक्त्री ने हाथ झटक दिया
तो सीता पाण्डेय उसकी फ्राक पकड़ लिया जिससे फ्राक फट गई तब अभियोक्त्री चिल्लाई और उसकी बहनें दौड़कर
आयी तो सीता पाण्डेय वहां से भाग गया। घटना के बारे में अभियोक्त्री ने अपने घर आकर नाना-नानी और सबको
बताई तब वे लोग पूछने के लिए सीता पाण्डेय के घर गए तो सीता पाण्डेय अभियोक्त्री को मां बहन की गंदी गंदी
देने लगा और बोला भगाओं चमारों को घर में घुस आये है और मारपीट करने लगा। अभियोक्त्री की उक्त रिपोर्ट पर
थाना कोतवाली सीधी में अपराध क्रमांक 729/2020 अंतर्गत धारा 294, 323, 354 (क) भा.द.वि., 7/8 पॉक्सो
एक्ट एवं 3(1)(w)(i), 3(2)(va) scst act दर्ज कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना उपरांत अभियोग
पत्र माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट, सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन सत्र प्र.क्र.
132/20 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा एवं
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री प्रशान्त कुमार पाण्डेय द्वारा अभियुक्त को दोषी प्रमाणित कराया गया
जिसके परिणामस्वरूप माननीय विशेष न्यायाधीश – पॉक्सो एक्ट की न्यायालय के द्वारा अभियुक्त सीताप्रसाद
पाण्डेय तनय विद्याकांत पाण्डेय, उम्र 37 वर्ष, निवासी ग्राम रजडिहा, थाना कोतवाली को धारा 302/34 आईपीसी
के तहत आजीवन सश्रम कारावास और 10,000/- रूपये अर्थदण्ड, धारा 3(2)(va) scst act में 02 वर्ष का कठोर
कारावास एवं 2000/- रू. अर्थदण्ड, धारा 3(1)(w)(i) scst act में 06 माह का सश्रम कारावास एवं 1000—रू.
अर्थदण्ड एवं धारा 7/8 पॉक्सो एक्ट में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/- रू. अर्थदण्ड की सजा से दण्डित
किया गया। अर्थदण्ड की धनराशि रूपये 5,000/(पांच हजार रूपये मात्र) अभियोक्त्री को अपील अवधि पश्चात
अपील न होने की स्थिति में अभियोक्त्री को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान किये जाने का भी आदेश पारित किया गया।