सीधी के पेशाब कांड में दिल दहला देने वाला खुलासा
सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुए पेशाब कांड को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पेशाब कांड से आहत दशमत रावत बोले अपमान से मेरा मन दुखी है. दशमत रावत ने कहा कि मुझे वीडियो का पता नहीं था, इससे पहले प्रवेश शुक्ला के चाचा आये और मुझे सीधी लेकर गए शपथ पत्र पर सिग्नेचर कराए. पेशाब कांड का पीड़ित दंबगों के डर की वजह से पुलिस नहीं गया.पीड़ित से आरोपी के चाचा ओर गांव के दबंगों के बिना बताए शपथ पत्र सिग्नेचर कराए ZEE MEDIA पीड़ित की बातचीत में खुलासा किया है…
सीधी पेशाब कांड ने पूरी मानवता को शर्मसार कर दिया है. पेशाब कांड के शिकार पीड़ित तक पहुचे ज़ी मीडिया संवाददाता प्रमोद शर्मा ने जब दशमत से बात की तो दशमत का दुःख और लाचारी देख दिल दुखी हो गया. जिस घटना को लेकर चर्चाएं हैं, उसी घटना के पीड़ित ये दशमत रावत सीधी के गांव करोंदी में रहते हैं और मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं. दशमत के तीन बच्चे हैं, जिसमें दो लड़के है और एक लड़की. मकान कच्चा है. पिता के नाम का पीएम आवास अधूरा सालों से बना हुआ है…
3 साल पहले आरोपी प्रवेश शुक्ला ने पेशाब की थी
दशमत से बातचीत में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि सीधी पेशाब कांड को दबाने की पुरजोर कोशिश हुई.आदिवासी पर पेशाब और इसके बाद इस मामले को दबाने के लिए शपथ पत्र का खेल खेला गया. मासूम लाचार दशमत रावत पर 3 साल पहले आरोपी प्रवेश शुक्ला ने पेशाब की थी.
प्रवेश शुक्ला के चाचा ने एक शपथ पत्र बनवाया
मामले में दशमत का कहना है कि 3 जुलाई को आरोपी प्रवेश शुक्ला के चाचा का फोन आया और कहा कि सीधी चलना है. मुझे सीधी लेकर गए एक वकील के पास वहां पर मुझे साइड में बिठा दिया. गांव के एक व्यक्ति कलेक्टर सिंह और प्रवेश शुक्ला के चाचा ने एक शपथ पत्र बनवाया और कहा कि इस पर दस्तखत कर दो, मुझसे सिग्नेचर कर करवा कर मुझे गांव वापस छोड़ दिया .
मन दुखी है: दशमत रावत
दशमत ने कहा कि मुझे पेशाब वाली घटना की कोई जानकारी नहीं थी. बाद में जब वीडियो देखा तो मन दुखी है और मैं चाहता हूं कि ऐसी घटना फिर से ना हो. जैसे ही वीडियो सामने आया तो पुलिस मुझे ले गई 2 दिन तक थाने में रखा तीसरे दिन पुलिस ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बुलाया है. सीएम हाउस ले जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की सीएम ने कहा कि कोई भी दिक्कत हो तो मुझे फोन करना.
दसमत रावत ने कहा कि मन दुखी है. आदिवासियों के साथ ऐसा सलूक नहीं होना चाहिए, अब अपमान बहुत हुआ है. अब और अपमान ना हो. दशमत रावत की पत्नी आशा रावत ने कहा कि 3 दिन से पति घर पर नहीं आए थे तो मन दुखी था. इसीलिए मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान हमने कहा था कि पैसों की हमें कोई लालच नहीं है, हमारे पति को घर भेज दीजिए आगे हमें और कुछ नहीं कहना…