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बजरंग धाम के विकास कार्यों में तहसीलदार ने लगाई रोंक

सीधी-जिले के तहसील रामपुर नैकिन के अंतर्गत ग्राम पंचायत कपुरी कोठार के बजरंग धाम में विगत चार वर्षों से तालाब का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य जिला प्रशासन के सहयोग से ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा था। जिस पर हनुमान प्रसाद मिश्रा के आवेदन पर तहसीलदार रामपुर नैकिन के द्वारा रोंक लगा दी गई है। जबकि आवेदनकर्ता हनुमान प्रसाद मिश्रा के द्वारा प्राचीन तालाब कपुरी कोठार के उत्तरी मेढ़ में बाड़ी एवं घर बनाकर अतिक्रमण किया गया है। हनुमान प्रसाद मिश्रा के द्वारा विगत कई माहों से ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा था। जिसकी शिकायत ग्राम पंचायत की सरपंच द्वारा कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, एसडीएम, थाना रामपुर  नैकिन, चौकी पिपरांव में की जा चुकी है। इस संबंध में जानकारी देते हुए ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीमती रामकली कोल ने बताया कि हनुमान प्रसाद मिश्रा को हनुमान मंदिर कपुरी कोठार की पूजा करने के लिए जिला प्रशासन और ग्राम पंचायत द्वारा नियुक्त नहीं किया गया है। इसके बावजूद भी उनके द्वारा अवैध रूप से हनुमान मंदिर एवं मंदिर के भंडार गृह पर कब्जा जमाए हुए हैं। हनुमान मंदिर के अंदर दुकान संचालित कर रखे हैं और आए दिन मंदिर में देर रात तक अपराधियों और असमाजिक तत्वों को बैठाए रहते हैं। जिसके कारण आम जन मंदिर जाना बंद कर दिए हैं। सरपंच ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के सिविल अपील क्रमांक 4787/2001 ङ्क्षहछलाल तिवारी बनाम कमला देवी के निर्णय को आधार बनाकर तहसीलदार रामपुर नैकिन को आवेदन देकर विकास कार्यों पर रोंक लगाई गई हैै। उस निर्णय पर सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं इस बात का उल्लेख किया है कि भौतिक संशाधन जैसेे कि जंगल-तालाब, पोखर, पहाड़ आदि प्राकृतिक देन हैं। वे नाजुक परिस्थिति में संतुलन बनाए रखते हैं। उन्हें उचित और स्वस्थ्य वातावरण के लिए संरक्षित करने की आवश्यकता है। तालाबों को एक मनोरंजक स्थल के रूप में विकसित और बनाए रखना चाहिए। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा सिविल अपील क्रमांक 821/2004 मेंघवाल समाज शिक्षा समिति बनाम लक सिंह के मामले में पारित निर्णय दिनांक 7 फरवरी 2011 में स्वयं सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एक तालाब अनुपयोगी हो रहा  है उसे विकसित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल अपील संख्या 1132/2011 में पारित अपने निर्णय में इस बात का उल्लेख किया है कि अपीलकर्ता ग्राम पंचायत के तालाब का अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण कर लियास है। अवैध अतिक्रमण हटाकर उसे हटाकर कब्जा ग्राम पंचायत को बहाल किया जाना चाहिए। उन्होने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय में पारित निर्णय के आधार पर ही ग्राम पंचायत के द्वारा मृत हो चुके तालाब को पुर्नजीवित कर उसे पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
हमें मंदिर के अंदर जाने से रोंका जाता है: रामकली
बजरंग धाम कपुरी कोठार में स्थित हनुमान मंदिर के अंदर जाने से हमें एवं हरिजन आदिवासियों को हनुमान प्रसाद मिश्रा के द्वारा रोंका जाता है। इस संबंध में जानकारी देते हुए ग्राम पंचायत कपुरी कोठार की सरपंच श्रीमती रामकली कोल ने बताया कि 24 नवंबर को शाम लगभग 4 बजे मैं और गांव की महिलाएं मंदिर दर्शन करने के लिए गई थी। हम लोगों को देखते ही हनुमान प्रसाद मिश्रा मंदिर का ताला बंद करके चले गए। यह कोई एक बार नहीं कई बार वो मेरे साथ अभद्र व्यवहार कर चुके हैं। उनके द्वारा अवैध रूप से मंदिर और परिसर में कब्जा जमा लिया गया है। ग्राम पंचायत के अधीन बजरंग धाम है। इसके बावजूद भी उनके द्वारा ग्राम पंचायत के निर्देश का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है। हनुमान प्रसाद अवैध रूप से मंदिर के पुजारी बने बैठे हैं। जबकि उनकी पुजारी के रूप में नियुक्ति ग्राम पंचायत व जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई है। वह किस हैंसियत से मंदिर में कब्जा जमाए हुए हैं और आम जनों को भगवान का दर्शन करने से रोंकते हैं यह उन्हें बताना पड़ेगा। मेरे द्वारा वरिष्ट अधिकारियों को पूरे प्रकरण से अवगत कराया जा चुका है। 

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